जैसा कि पूरे देश को पता है कि कोरोना की लड़ाई युद्ध स्तर पर चल रही है और इस दौरान सभी कुछ पूरी तरीके से बंद है जिससे सरकार के पास भी राजस्व की कमी हो रही है केंद्रीय कर्मचारियों का सरकार के ऊपर काफी दबाव बढ़ता जा रहा है।
आपको यहां बताते चलें कि सरकार ने कोरोना की लड़ाई के नाम पर केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन और भत्तों में भारी कटौती करने के विपक्ष में विरोध बढ़ता जा रहा है इस लड़ाई में अब प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी आ गई है।
वेतन में कटौती- बढ़ते विरोध के चलते केंद्र सरकार पर बढ़ा दबाव, लिया जा सकता है बड़ा फैसला!
आने वाले कुछ दिनों में विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठनों के साथ अब एक्स सर्विसमैन भी इसके खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी कर रहे हैं इस तरीके से अगर दबाव बढ़ता चला गया तो लगता है कि सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना पड़े या उसमें कुछ संशोधन कर दिया जाए सूत्रों से पता चला है कि वित्त मंत्रालय की तरफ से जल्दी ही एक नई गाइडलाइन आने की संभावना है क्योंकि ज्यादातर राज्य वेतन भत्तों को लेकर केंद्र सरकार को फॉलो करते हैं खासकर भाजपा शासित प्रदेश अपने कर्मचारियों के वेतन भत्तों में केंद्र की तरह ही कटौती करने के लिए तैयार है।
वेतन और भत्तों में कटौती से पहले कर्मचारियों की राय लेनी चाहिए थी।
जॉइंट कंसंट्रेशन मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाई के सचिव से भोपाल मिश्रा जी के हिसाब से देश का प्रत्येक कर्मचारी और फिर से सरकारी कर्मचारी आज इस महामारी की लड़ाई में अपना पूर्ण योगदान दे रहा है।
केंद्र सरकार को कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर कटौती करने से पहले एक बार कर्मचारियों से सलाह करनी चाहिए थी कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में गोपाल मिश्रा ने कहा था कि 4800000 कर्मचारी जिसमें सेना और रेल की कर्मचारी भी शामिल है इन सभी लोगों ने अपने 1 दिन का वेतन पीएम केयर फंड में जमा कराया गया है और बहुत से कर्मचारियों ने अपनी इच्छा के हिसाब से ज्यादा भी धनराशि अपने तरीके से दान की है।
सातवां वेतन आयोग के हिसाब से अब HRA शहरों के हिसाब से बढ़नी चाहिए थी मैं एक श्रेणी के शहरों में 24% से 27% और वाई श्रेणी के शहरों में 16 से 18% एवं जेड श्रेणी में 8 से 9% दरें बढ़ना शामिल था।
अब जैसा कि जरूरत के सामान की वस्तुएं आसमान छू रही हैं तो ऐसे में 1 जुलाई 2020 तक महंगाई भत्ते में 25% से अधिक बढ़ने की उम्मीद थी और अब सरकार के नए आदेश के अनुसार बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक मकान किराए भत्ते पर बी पड़ेगा सरकार ने मार्च में दिए 17 से 21% करने की घोषणा की गई थी।
वेतन भत्तों की कटौती से सुरक्षा बलों को छूट मिलनी चाहिए थी।
Confederation of ex paramilitary force welfare Association के महासचिव रणवीर सिंह का कहना है कि सरकार के इस कदम से 20,00000 सेवारत और सेवानिवृत्त परिवारों पर पड़ेगा।
कोरोना की लड़ाई में BSF ITBP SSB अन्य हर सैनिक बलों के जवानों को गली शहर मोहल्ले में आम जनता के लिए मुफ्त राशन पीटीईटी दवाइयां और फ्री में मांस बांटे गए हैं और साथ ही साथ कामगारों और मजदूरों की सहायता करने में भी सेना के इन जवानों का बहुत ही बड़ा योगदान है
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Salary Deduction |
आपको यहां बताते चलें कि सरकार ने कोरोना की लड़ाई के नाम पर केंद्रीय कर्मचारियों का वेतन और भत्तों में भारी कटौती करने के विपक्ष में विरोध बढ़ता जा रहा है इस लड़ाई में अब प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी आ गई है।
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वेतन में कटौती- बढ़ते विरोध के चलते केंद्र सरकार पर बढ़ा दबाव, लिया जा सकता है बड़ा फैसला!
आने वाले कुछ दिनों में विभिन्न राज्यों के कर्मचारी संगठनों के साथ अब एक्स सर्विसमैन भी इसके खिलाफ आवाज उठाने की तैयारी कर रहे हैं इस तरीके से अगर दबाव बढ़ता चला गया तो लगता है कि सरकार को अपने इस फैसले को वापस लेना पड़े या उसमें कुछ संशोधन कर दिया जाए सूत्रों से पता चला है कि वित्त मंत्रालय की तरफ से जल्दी ही एक नई गाइडलाइन आने की संभावना है क्योंकि ज्यादातर राज्य वेतन भत्तों को लेकर केंद्र सरकार को फॉलो करते हैं खासकर भाजपा शासित प्रदेश अपने कर्मचारियों के वेतन भत्तों में केंद्र की तरह ही कटौती करने के लिए तैयार है।
वेतन और भत्तों में कटौती से पहले कर्मचारियों की राय लेनी चाहिए थी।
जॉइंट कंसंट्रेशन मशीनरी फॉर सेंट्रल गवर्नमेंट एम्पलाई के सचिव से भोपाल मिश्रा जी के हिसाब से देश का प्रत्येक कर्मचारी और फिर से सरकारी कर्मचारी आज इस महामारी की लड़ाई में अपना पूर्ण योगदान दे रहा है।
केंद्र सरकार को कर्मचारियों के वेतन और भत्तों पर कटौती करने से पहले एक बार कर्मचारियों से सलाह करनी चाहिए थी कैबिनेट सचिव को लिखे अपने पत्र में गोपाल मिश्रा ने कहा था कि 4800000 कर्मचारी जिसमें सेना और रेल की कर्मचारी भी शामिल है इन सभी लोगों ने अपने 1 दिन का वेतन पीएम केयर फंड में जमा कराया गया है और बहुत से कर्मचारियों ने अपनी इच्छा के हिसाब से ज्यादा भी धनराशि अपने तरीके से दान की है।
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सातवां वेतन आयोग के हिसाब से अब HRA शहरों के हिसाब से बढ़नी चाहिए थी मैं एक श्रेणी के शहरों में 24% से 27% और वाई श्रेणी के शहरों में 16 से 18% एवं जेड श्रेणी में 8 से 9% दरें बढ़ना शामिल था।
अब जैसा कि जरूरत के सामान की वस्तुएं आसमान छू रही हैं तो ऐसे में 1 जुलाई 2020 तक महंगाई भत्ते में 25% से अधिक बढ़ने की उम्मीद थी और अब सरकार के नए आदेश के अनुसार बढ़ोतरी पर लगाई गई रोक मकान किराए भत्ते पर बी पड़ेगा सरकार ने मार्च में दिए 17 से 21% करने की घोषणा की गई थी।
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वेतन भत्तों की कटौती से सुरक्षा बलों को छूट मिलनी चाहिए थी।
Confederation of ex paramilitary force welfare Association के महासचिव रणवीर सिंह का कहना है कि सरकार के इस कदम से 20,00000 सेवारत और सेवानिवृत्त परिवारों पर पड़ेगा।
कोरोना की लड़ाई में BSF ITBP SSB अन्य हर सैनिक बलों के जवानों को गली शहर मोहल्ले में आम जनता के लिए मुफ्त राशन पीटीईटी दवाइयां और फ्री में मांस बांटे गए हैं और साथ ही साथ कामगारों और मजदूरों की सहायता करने में भी सेना के इन जवानों का बहुत ही बड़ा योगदान है
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